

देश/विदेश : कितना पालन होता है,सत्य और निष्ठा की शपथ का।
Spread the Newsलोकतंत्र टाईम्स,गुलाबचन्द कोटड़िया हमारे देश में विधायिका,कार्यपालिका,न्यायपालिका,सेना,सरकारी विभागों सहित अस्पतालों में भी पूर्ण ईमानदारी व प्रतिबद्घता की शपथ दिलाई जाती है। न्यायालयों में कटघरे में खड़े होकर बयान देने वाले हर गवाह से उसके धार्मिक ग्रन्थ पर हाथ रखवाकर शपथ दिलाई जाती है तो राजनीति में भी हर एक चुनाव जीतने वाले को सत्य और निष्ठा की शपथ लेना पड़ती है। प्रश्न यह है कि क्या लोग ऐसी शपथ लेकर सच बोलते हैं और सत्य का पालन करते हैं? जब शपथ को हम नहीं निभाते हैं तो उसका कितना औचित्य है यह एक विचारणीय विषय हो गया है। क्योंकि अगर इस शपथ का पालन होता तो देश में इतना भ्रष्टाचार कभी नहीं फैल पाता। न्यायालय में भी पुलिस के समक्ष दिए गए बयानों से मुकर जाना एक आम बात है। हत्या व संगीन अपराधों मेें भी गवाह बार-बार बयान बदलते हैं। गवाह कह देते हैं कि पुलिस ने डरा धमकाकर उससे दस्तखत करवा दिए। इस तरह से अपराधी गुनाह करके साफ बच निकलते हैं। पैसा व प्रभाव दोनों इसमेें काम करते हैं। इतना सब होते हम अपने धर्म पूजन,वंदन, तीर्थयात्रा, सूर्य आराधना व सांध्य वंदन करते हैं। वह भी अटूट आस्था व श्रद्घा के साथ। धर्मगुरूओं का प्रवचन सुनते हैं ताकि हमारे मन का कलुष व पाप धुल जाये। सब जानते बूझते हुए भी असत्य बोलने में कोई हिचकता नहीं है। अगर झूठ से स्वार्थ सधता है जो हम खुश होते हैं कि चलो छका दिया और मन में गौरव अनुभव करते हैं पर मन से चोरी छिपी नहीं रहती। शपथ के लिए और भी कई शब्द हैं- सौगंध, कसम, कौल व प्रतिज्ञा वगैरह। प्राचीन संदर्भों मेें प्रतिज्ञा शब्द अधिक प्रचलित है। प्रतिज्ञा शब्द का बखान हमें ग्रन्थों में खूब मिलता है। शपथ शब्द जुबान पर ज्यादा चढ़ता नहीं है। प्रतिज्ञा का महत्व इसी से जाना जा सकता है कि यह हमारी संस्कृति का आधार मानी जाती है। पूरे विश्व में भारतीय प्रतिज्ञाओं प्रति आदर सूचक भावनाएं होती हैं। प्रतिज्ञाओं की बात आती तो सर्वाधिक भीष्म प्रतिज्ञा शब्द हमारे मस्तिष्क में आता है। भीष्म ने अपने पिता के वचन को प्रतिष्ठित करने की प्रतिज्ञा की थी कि आजन्म ब्रह्मचारी रहेंगे व सिंहासन पर अपना अधिकार नहीं जताएंगे सौतेली मां सत्यवती के पुत्रों को ही उस पर बिठायेंगे और यह उन्होंने किया भी। निषाद कन्या ने उनके पिता से वचन ले लिया था। उसी तरह राम ने पिता का वचन झूठा न जाए इसलिए 14 वर्ष वनगमन स्वेच्छा से स्वीकार कर लिया था।यह हमारी प्राचीन संस्कृति की विरासत है कि प्रतिज्ञा की है तो निभायें। रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाए पर वचन न जाई। हम वचन देते हैं तो हमारा कर्तव्य बन जाता है कि उसका पालन करें वरना हम अविश्वास के पात्र बन जायेेंगे, कोई हमारा भरोसा क्यों करेगा? भारत में न्याय प्रक्रिया बहुत दुरूह जटिल, ढीली-ढाली है। कोई भी केस शीघ्र नहीं निपटता। कई केसों में वर्षों लग जाते हैं अगर चालाक वादी या प्रतिवादी हो तो वह आजीवन लड़ सकता है और उस समय दौरान उसकी आयु क्षय हो जाती है तो उसके बच्चे वही काम संभाल लेते हैं। ऐसे केसों में शपथ का मूल्य ही क्या है? भारत में शपथ या प्रतिज्ञा जो उच्च शास्त्रीय शब्द हो गया है का भले ही विधि सम्पन्न होते हुए हम निरादर करते हों परंतु पश्चिमी देशों में धर्मग्रन्थों पर हाथ रखकर अगर शपथ लेते हैं तो वे सत्य कथन ही करते हैं। यह नैतिक बल उनमें है कि गलती कर दी है, पकड़ ली गई है तो मान लेते हैं। भारत मेें तो कोई मानता ही नहीं है जब तक सरकार सुबूतों के द्वारा सिद्घ न कर दे, फिर भी उससे इंकार ही करते रहेंगे। बिल क्लिंटन पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने बाइबल पर हाथ रखकर झूठ बोला उन्हें पूरे राष्ट्र से क्षमा मांगनी पड़ी। इंग्लैंड के प्रसिद्घ साहित्यकार जेफ्री आर्थर भी अगर धर्मग्रन्थ पर हाथ रखकर झूठ बोलता है तो जनता का धिक्कार ही पाता है। आर्थर को झूठी शपथ के अपराध में 4 साल की कैद भुगतनी पड़ी थी। कई मंत्रियों व उच्च पद पर आसीन महानुभावों को अपमान सहन करना पड़ा है। भारत में शपथ शब्द के प्रति प्रतिबद्घता नहीं दिखती। बात-बात पर बोलचाल मेें सौगंध खाने लगते हैं। असत्य बोलना जैसे आम बात हो गई है। सरकारी कामों व कार्यालयों में झूठ का चक्कर ही चलता है। झूठ के आधार पर नैतिक इमारत खड़ी नहीं रह सकती। जब तक चले चला लो पकड़े जायेंगे, तब देख लेंगे। शपथ खाने में दो होंठ ही इकट्ठे करने पड़ते हैं। हमारा जाता क्या है? हर वर्ष शपथ लेकर उच्च पद पर विराजे लोगों के नये-नये कांड व घोटाले उजागर होते हैं। करोड़ों रूपये जनता के डकार लिए जाते हैं फिर भी न्यायालय मेें कोई नहीं मानता व स्वयं को निरपराधी सिद्घ करने में ही लगे रहते हैं। शपथ शब्द उनके लिए मजाक बनकर रह गया है। रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने लिखा है कि प्रतिज्ञा का हमें पालन करना चाहिए। भागवत में कहा है जो व्यक्ति अपनी प्रतिज्ञा पूरी नहीं करता वह असभ्य है। नीति शतक में भतृहरि ने कहा-सत्यव्रत का पालन करने वाला तेजस्वी पुरूष सुखपूर्वक प्राण त्याग कर देता है पर अपनी प्रतिज्ञा को नहीं छोड़ता। दिया गया वचन प्रतिज्ञा के समान होता है। लाखों करोड़ों का सौदा जुबानों पर होता है अगर मुकर जायें तो विश्सनीयता बचेगी ही कहां? वचन भुलाने वाला व्यक्ति अधम माना जाता है उसके लिए सभ्यता संस्कृति धर्म एवं कर्म सब फालतू है। महात्मा गांधी सत्य प्रतिज्ञ थे। उन्होंने कहा है- प्रतिज्ञा विहीन जीवन ईंट के बिना घर जैसा है। सारा संसार ही सत्य व प्रतिज्ञा पर टिका है। प्रतिज्ञा न लेने का अर्थ होगा अनिश्चितता व डांवाडोल स्थिति। नियम व कानून का पालन करने में हमें सदा मजबूत रहना चाहिए। हमें शपथ व प्रतिज्ञा पर विश्वास होना चाहिए। यह कार्य सुदृढ़ चरित्रवाला समर्थ पुरूष ही कर सकता है उसे सब इज्जत देते हैं। प्रतिज्ञा का पालन करना शक्तिवानों का गुण ही माना जाता है। आर्टिकल–विनायक फीचर्स,भोपाल (म.प्र)

थांदला–स्कूल मान्यता के नाम पर रिश्वत लेते बीआरसी व भृत्य को लोकायुक्त की टीम ने धर दबोचा
Spread the Newsस्कूल संचालक ने इंदौर लोकायुक्त से की थी शिकायत। लोकतंत्र टाईम्स,थांदला,स्कूल मान्यता को लेकर धांधली में लिप्त खंड स्त्रोत समन्वयक (बीआरसी) संजय सिकरवार को भ्रत्य श्यामलाल के माध्यम से 11000 ग्यारह हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो गिरफ्तार कर लिया है। इंदौर लोकायुक्त एस पी राजेश सहाय के निर्देशन में कार्यवाही करते निरीक्षक राहुल बेस ने बताया कि थांदला के ग्राम बेडावा स्थित ज्ञान गंगा एकेडमी जो 2018 से संचालित है जिसकी मान्यता नवीनीकरण के लिये स्कूल संचालक रुस्माल भूरिया से थांदला बीआरसी ने 18000 रुपयों कि मांग कि परन्तु मामला 11000 रूपए में हुआ। शिकायत कि पुस्टि के बाद केमिकल युक्त रूपए लेकर लोकायुक्त टीम ने शिकायत कर्ता को भेजा जैसे रूसमाल ने भृत्य श्यामलाल के माध्यम से बीआरसी संजय सिकरवार को रुपए दिए वैसे ही टिम ने दोनों को धर दबोचा और हाथ धुलवाए। लोकायुक्त ने भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कार्यवाही की। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अभी निजी स्कूल की मान्यता व नवीनीकरण का कार्य चल रहा है जिसमें स्कूल में कमियां बताकर बीआरसी स्कूल संचालकों से रिश्वत की मांग करते है वही निजी स्कूल वालें अपनी कमियों को छुपाने रिश्वत दे देते है। इसी तरह का अन्य मामलें में स्वयं स्कूली शिक्षा मंत्री भी विधानसभा में आवाज उठाते हुए विभागीय भ्र्ष्टाचार की बात कर चुके है। सूत्र बताते है कि बीआरसी विभाग में निजी स्कूल से रिश्वत का गोरखधंधा अधिकांश स्थानों पर चल रहा है वही अधिकांश सीएसी, तथा संकूल स्कूल के अध्यापक भी रिश्वती आतंक से परेशान हो रहे। ऐसे में लोकायुक्त की कार्यवाही से कुछ हद तक भ्रष्टाचार पर लगाम लगने की संभावना नजर आ रही है।

अहमदाबाद–गोमतीपुर जैन मंदिर घटना मामले में गुजरात के भूपेन्द्र सरकार से किया सवाल।
Spread the Newsभ्रष्टाचारी जैन ट्रस्टियों और भू-माफियाओं की कहीं मिली भगत तो नहीं…? आखिर क्यों प्राचीन मूतिर्यो का किया गया विस्थापन..? मूर्तियों के नाम पर कहीं व्यापार तो नहीं…? लोकतंत्र टाईम्स,मुंबई, ऑल इंडिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक हुंडिया ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से पत्र लिखकर सवाल किया है कि अहमबाद के गोमतीपुर के विस्तार में राजपुर के अति प्राचीन मंदिर से परमात्मा की मूर्ति अपमान जनक तरीके से दूसरी जगह लेकर जाना कितना सही है। इस मामले को संज्ञान में लिया जाय।गौरतलब है कि यहाँ मंदिर के आस-पास मुस्लिम बस्ती ज़्यादा है, ये बताकर मूर्तियाँ अहमदाबाद के शीलज के मंदिर में स्थापित किये जाने का मामला सामने आया है। हार्दिक हुंडिया ने कहा है कि, भूपेंद्र आप के शासन में कभी भी हिंदू मुस्लिम दंगा नहीं हुआ है। विश्व के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ की मुस्लिम औरते भी भगवान को ना ले जाने के लिये बाहर आई है जब की उनमे तो मूर्ति पूजा है भी नहीं ! इतना प्राचीन दादा का मंदिर, आस पास मुस्लिम बस्ती फिर भी आज तक कोई ऐसी घटना नहीं घटी है जिस से हम ये कह सके की हमारा मंदिर सुरक्षित नहीं है। बल्कि सीएम भूपेन्द्र पटेल के शासन में इस संवेदनशील क्षेत्र में भी जबरजस्त भाई चारा का संदेश विश्व में जा रहा है। वहाँ से दादा को लेके जाना कितना उचित है..? वो भी आप की सरकार में..? कुछ लोगों की दलील है की भगवान की पूजा करने वाले लोग बहुत कम है.? उनको हार्दिक हुंडिया की दो हाथ जोड़ के बिनती है की भारत में कई ऐसे मंदिर जो कुछ जैन साधु और उनके प्राइवेट ट्रस्टी ने मिलकर बनाये है। वहाँ पूजा तो छोड़ो कई बार तो दर्शन करने वाले भी नहीं होते है। वहाँ से भगवान को क्यों नहीं लाया गया। अचानक दादा के ये प्राचीन तीर्थ की भगवान की मूर्तिया क्यों लेके गये। हार्दिक हुंडिया ने सीएम पटेल से निवेदन किया है कि दादा की मूर्तिया पुन: गोमतीपुर के राजपुर अति प्राचीन मंदिर में वापस लाया जाय। आप के सुशासन में हिंदू मुस्लिम जहाँ एकता की अनमोल मिसाल है वो कायम रहे। परमात्मा की मूर्तियाँ जिस तरह से तोड़कर गाड़ी में कैसे प्रतिमा को लेकर गए वो भी जाँच का विषय है। आपके राज्य में सुशासन था है और रहेगा इसका एक अनमोल उदाहरण देश के सामने रखें। परम कृपालु परमात्मा की मूर्ति का अपमान करने वाले पर भी कार्यवाही करें और ये बात स्पष्ट होना चाहिये कि यहीं से मूर्तिया लेकर जाने का कारण क्या…? कौन कौन इनसे मिले हुये है इनकी भी जाँच आप करायेंगे तो दूध का दूध पानी का पानी निकल जायेगा।

नागदा-परिवार संगठन के अभिभावक संघों की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक संपन्न
Spread the Newsभारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता में देश भर के 375 प्रतिभागी हुए शामिल लोकतंत्र टाईम्स,नागदा,बौद्धिक दिव्यांग जनों के अभिभावक संगठनों के महासंघ परिवार एनसीपीओ द्वारा उनके अभिभावकों की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक का आयोजन भारतीय सांख्यिकी संस्थान कोलकाता में किया गया। यह कार्यक्रम परिवार बंगाल स्टेट फेडरेशन के सहयोग एवं राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्ति करण संस्थान (NIEPID) के प्रायोजन में आयोजित हुआ। परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ पंकज मारू ने बताया कि इस अधिवेशन में 21 राज्यों से जुड़े 310 संगठनों के 375 से अधिक अभिभावकगण पुनर्वास विशेषज्ञ एवं सेल्फ एडवोकेट्स ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य विषय “सशक्त परिवार बनाने की ओर रणनीति और समर्थन तंत्र” था।दूसरे दिन सामुदायिक समावेशन के लिए अनुकूल सामाजिक व्यवहार पर पैनल चर्चा में डॉ. अमृता पांडा, डॉ. सुदेशना चौधरी, सुमित अग्रवाल और अविक मुखर्जी ने भाग लिया। माता-पिता और पेशेवर दृष्टिकोण से सहायता प्राप्त करना पर मेरी बारुआ ने अपने विचार प्रस्तुत किए। आभासी वास्तविकता आधारित डिजिटल लर्निंग एड्स पर मौलाना आज़ाद उर्दू विश्वविद्यालय की उम्मे सलमा व फरीहा राशीद ने प्रस्तुति दी न्यूरो डाइवर्जेंट आबादी के लिए सरकारी योजनाओं एवं नीतियों की पहुंच पर डॉ.पंकज मारू ने विस्तार से प्रस्तुति दी उन्होंने बौद्धिक दिव्यांगजनों के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं की विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई जिससे अभिभावकों को उनके अधिकारों और लाभों के बारे में जागरूक किया जा सके। जमीनी स्तर के अभिभावक आंदोलन को सशक्त बनाना और सतत विकास के लिए माइक्रो व्यवसायों मॉडल पर कर्नल डॉ.वी. के.गौतम, माधवी गुप्ता और सुदीप गोयल ने चर्चा की। कार्यक्रम समापन सत्र में देश में अभिभावक आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए आगे की राह पर खुली चर्चा आयोजित की गई। कार्यक्रम में परिवार के पूर्व अध्यक्ष कर्नल वी. के.गौतम, राष्ट्रीय महासचिव सुदीप गोयल, कार्यकारिणी सदस्य गण, अभिभावक गण, एवं सेल्फ एड्वोकेट्स उपस्थित रहे।

नागदा :आपकी सजगता ही आपको होने वाले सायबर अपराधों से बचाएगी-श्रीवास्तव
Spread the News लायंस ऑफ नागदा एवं लियो क्लब नागदा ग्रेटर ने आयोजित किया सायबर अवेयरनेस सेमिनार

खाचरौद : नगर में आज निकला उपधानतप आराधको का सामुहिक वरघोड़ा
Spread the Newsलोकतंत्र टाईम्स,खाचरोद, तुंग्यापुरी नगरी खाचरौद की पुण्य भूमि पर 5 फरवरी बुधवार को उपधान तप के तपस्वियों का सामुहिक वरघोड़ा जैन पौखरशाला भवन से प्रारंभ होकर नगर के जिनालयो मे दर्शन वन्दन करते हुवे आदिनाथ मन्दिर मे समापन हुआ। जैन समाज का प्रसिद्ध तीर्थ पालीताणा की मे सिद्धवड़ उपवन की पावन भूमि पर जयंतोत्सव उपकारी उपद्यान तप में सौधर्म बृहत्तपागच्छीय, त्रिस्तुतिक युगप्रभाचार्य, राष्ट्रसंत, पूण्य सम्राट गुरूदेव श्रीमद् विजय जयंतसेनसूरी महाराजा, के पट्टधर गच्छाधिपति हृदय सम्राट श्रीमद् विजय नित्यसेन सूरीश्वर महाराज आदि 160 से अधिक श्रमण श्रमणी भगवंतो की पावन निश्रा में 2000 के करीब आराधकों के मध्य उपद्यान तप की आराधना पूर्णता की । नगर की सुश्राविका निशा देवेन्द्र वनवट, संगीता कमलेश मेहता, संध्या अभय दलाल, संगीता विजय भारतीय, हीरम दिनेश भारतीय,अंजली उपेन्द्र गांधी की 47 दिन की उपद्यान तप आराधना पूर्ण निमित्ते दो दिवसीय धार्मिक आयोजन मे प्रथम दिवस पुण्य सम्राट की अष्ठप्रकारी पूजन व सामुहिक चौबिसी व द्वितीय दिवस सुबह आराधकों का सामुहिक वरघोड़ा नगर के प्रमुख मार्गो से बाद मे आराधक का बहुमान कार्यक्रम उसके पश्चात आराधक संघवी हीरम भारतीय के परिवार संघवी डॉ.कोकिला बाबूलाल भारतीय पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय राजेन्द्र जैन महिला परिषद की ओर से श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन संघ का मोरसली धर्मशाला मे स्वामीवात्सल्य का आयोजन रखा गया। अखिल भारतीय राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् परिवार की ओर से परिषद् के राष्ट्रीय मिडीया प्रभारी ब्रजेश सीमा बोहरा सभी आराधको का बहुमान किया ।इस मौके पर श्वेताम्बर मूर्तिपूजक जैन श्रीसंघ खाचरौद सहित परिजन एंव परिचितो की उपस्थिती रही। कार्यक्रम का संचालन राजेश सेठिया व आभार दिनेश भारतीय ने माना।
नागदा :केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री द्वारा किसानो की अनदेखी की जा रही-पूर्व IAS अधिकारी, डॉ.त्रिवेदी
Spread the Newsलोकतंत्र टाईम्स,नागदा- उज्जैन जिले से गुजरने वाले देवास- बदनावर- उज्जैन- गरोठ एवं प्रस्तावित उज्जैन- जावरा राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण से उत्पन्न हुई किसान एवं आसपास के रह वासियों की समस्याओं की लगातार अनदेखी की जा रही है। पूर्व आईएएस अधिकारी डॉक्टर हीरालाल त्रिवेदी ने किसानों के पक्ष में बयान देते हुए बताया केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को किसानों एवं राजमार्ग के आसपास के रह वासियों के द्वारा अभी तक कई ज्ञापन दिए गए। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए बताया की उनके द्वारा आठ पत्र भी लिखे गए, उसके निराकरण के लिए क्या कदम उठाए गए कार्यवाही की कोई जानकारी से संतुष्ट नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी लच्छेदार भाषा में बात करते हैं, किसानों को दो गुना मुआवजा देने की बात कही जाती है, परंतु वास्तव में उन्हें बाजार मूल्य का 25% भी नहीं मिलता, इसको बढ़ाने के लिए क्या किया..? राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ किसानों एवं आसपास के रह वासियों के आने जाने एवं पानी निकासी से संबंधित जो समस्या होती है उन्हें काम करने के लिए विभाग ने क्या निर्देश दिए तथा उज्जैन- गरोठ राजमार्ग के आसपास पक्का सर्विस रोड ना होने से उज्जैन नगर वासियो को पीढ़ी दर पीढ़ी परेशान होना पड़ेगा, इसके निदान के लिए क्या निर्देश दिए गए हैं..? इसकी कोई जानकारी संबंधित शिकायत कर्ताओं को नहीं उपलब्ध कराई गई है। इंगोरिया चौपाटी से बलेड़ी भैसला चौपाटी एवं सरसाना जोड़ तक सर्विस रोड बनाने के संबंध में भी हल की कोई जानकारी नहीं दी है। सपक्ष के प्रवक्ता जू माहुर करने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में दोनों तरफ के प्रधानमंत्री सड़क पीडब्ल्यूडी एवं पंचायत सड़क से मिट्टी मोहर्रम और गिट्टी डंपरों द्वारा ट्रांसपोर्ट की जाती है जिससे आसपास की सभी सके बर्बाद हो गई है उनके सुधार के लिए भी पत्र में गडकरी जी से पूछा गया था, कि उन्होंने मरम्मत के निर्देश दिए हैं या नहीं और कितना फंड जारी किया है।उन्होंने पत्र में परियोजना संचालक उज्जैन इकाई की मनमानी का भी उल्लेख किया था लेकिन पत्र के जवाब में संबंधित शिकायतकर्ताओं को कोई सूचना या जवाब नहीं दिया गया। यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सपाक्स उज्जैन के प्रवक्ता जे. आर.माहुरकर द्वारा दी गई।

समाज : 2 फरवरी को होगी 900 से अधिक आराधकों की मोक्षमाला
Spread the Newsलोकतंत्र टाईम्स,जैन शाश्वत तीर्थ श्री शत्रुंजय महातीर्थ की गोद में स्थित सिद्धवट तीर्थ में थराद तीर्थ निवासी दीवाली बेन लल्लूभाई दोशी परिवार द्वारा पुण्य सम्राट विजय जयंतसेन सुरीश्वर महाराज साहब के पट्टधर वर्तमान सौधर्म बृहदतपा गच्छाधिपति विजय नित्यसेन सुरीश्वर महाराज साहब आदि शताधिक साधु साध्वी भगवंत की निश्रा में आयोजित 45 दिवसीय जयंतोत्सव उपधान तप आराधना की माघ सुद 5, 02 फरवरी रविवार को पूर्णाहुति मोक्षमाला के साथ होगी। 900 से अधिक पहनेंगे मोक्षमाला उक्त जानकारी देते हुए नवयुवक परिषद के रजत कावड़िया ने बताया कि, इस उपधान तप आराधना में कुल 2000 से अधिक आराधकों ने भाग लिया था, जिसमें पहले पड़ाव में 28 दिन के तीसरे उपधान के 300 से अधिक आराधकों ने आराधना पूर्ण की, तो वही दूसरे पड़ाव में 35 दिन के दूसरे उपधान के 800 से अधिक आराधकों ने अपना तप पूर्ण किया और अब प्रथम उपधान में 900 से अधिक आराधक 45 दिन का संयम जीवन यापन कर अपनी मोक्षमाला ग्रहण करेंगे। 5 दिवसीय महोत्सव के साथ होगा समापन साथ ही कावड़िया ने बताया कि, 5 दिन के महोत्सव के साथ ये समापन होगा जिसमें 31 जनवरी को बहुमान, 01 फरवरी को आराधकों का वरघोड़ा, माला की जाजम, 02 फरवरी को मोक्षमालारोपण होगी और 03 फरवरी को तपस्वीयों के पारणा होंगे।

नागदा : लैंक्सेस इंडिया की सीएसआर पहल ने शिक्षा और पर्यावरण के लिए दिया योगदान
Spread the Newsलोकतंत्र टाईम्स,नागदा,- लैंक्सेस इंडिया ने नागदा में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने और उनके विकास में योगदान देने के लिये अपने प्रयासों को जारी रखते हुए 2023-24 में कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तर दायित्व (सीएसआर) की कई महत्वपूर्ण पहलें की हैं। ये परियोजनाएं शिक्षा, नवीकरण-योग्य ऊर्जा, जल संरक्षण और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने पर फोकस करती हैं। इन सभी पहलों से यहां के लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ा है। जलवायु सुरक्षा के विषय पर ध्यान देते हुए कंपनी ने नागदा नगरपालिका को सहयोग प्रदान किया है। इसके तहत नगरपालिका उद्यान में सोलर स्ट्रीट लाइट, सोलर हाई मास्ट और सौर ऊर्जा/ विद्युत उत्पत्ति के दूसरे उपकरण लगाये गये हैं। इस उद्यान की लंबाई लगभग 1.5 किलोमीटर है।इसके साथ ही नागदा के म्युनिसिपल स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये कंपनी ने डिजिटल स्मार्ट कक्षाओं की व्यवस्था की है। लैंक्सेस ने मेहतवास गांव में नागदा के नागरिक प्रशासकों द्वारा संचालित स्वच्छता परियोजना में भी सहयोग दिया है। इन सीएसआर परियोजनाओं पर अपनी बात रखते हुए, लैंक्सेस इंडिया के वाइस-चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर नमितेश रॉय चौधरी ने कहा, हमें पर्यावरण के अनुकूल विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण में नागदा के सफर का हिस्सा बनने पर गर्व है। सीएसआर की यह पहलें सभी के उज्ज्वल भविष्य को बढ़ावा देने और जीवन सुधारने के लिये हमारी बड़ी प्रतिबद्धता का एक छोटा-सा हिस्सा हैं।

इंदौर :मुख्यमंत्री यादव की शराबबंदी घोषणा पर जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ ने जैन तीर्थो को जोड़ने व मांसाहार मुक्त करने की मांग रखी।
Spread the Newsलोकतंत्र टाईम्स इन्दौर, प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के 17 शहरों में शराबबंदी की जो घोषणा की है उसका देश भर के संपूर्ण जैन समाज के साथ-साथ जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ ने हार्दिक आभार व्यक्त करते शराबबंदी के इस कदम को सामाजिक जागरूकता की दिशा में मिल का पत्थर बताया साथ ही इन 17 शहरों को शराब बंदी के साथ जैन तीर्थों को जोड़ने एवं मांसाहार से भी मुक्त करके पवित्र शहर बनाये जाने की मांग की है। जिससे धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया जा सके जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ की ओर से बताया कि दिनांक 24 जनवरी को संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की डिजिटल बैठक में उक्त मांग अखिल भारतीय स्तर पर जैन समाज की ओर से किये जाने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में श्री जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री मोहन यादव से मिलकर मांग पत्र प्रस्तुत करेगा।